24 नवंबर 2018

jay shree krishna

 नरकासुर और विष्णु के बीच युद्ध - Jai Shree Krishna - Purani Kahani



नरकासुर

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नरकासुर से युद्धरत श्रीकृष्ण एवं सत्यभामा, एक तैल चित्र
नरकासुर एक राक्षस था, जिसका भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की सहायता से संहार किया था। उसने 16 हजार लड़कियों को कैद कर रखा था। भगवान कृष्ण ने उसका संहार कर 16 हजार लड़कियों को कैद से आजाद करवाया था। इस उपलक्ष्य में दिवाली के एक दिन पहले 'नरक चतुर्दशी' मनाई जाती है।

कथा[संपादित करें]

प्रागज्योतिषपुर नगर का राजा नरकासुर नामक दैत्य था। उसने अपनी शक्ति से इंद्र, वरुण, अग्नि, वायु आदि सभी देवताओं को परेशान कर दिया। वह संतों को भी त्रास देने लगा। महिलाओं पर अत्याचार करने लगा। उसने संतों आदि की 16 हजार स्त्रीयों को भी बंदी बना लिया। जब उसका अत्याचार बहुत बढ़ गया तो देवता व ऋषिमुनि भगवान श्रीकृष्ण की शरण में गए। भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें नराकासुर से मुक्ति दिलाने का आश्वसान दिया। लेकिन नरकासुर को स्त्री के हाथों मरने का श्राप था इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को सारथी बनाया तथा उन्हीं की सहायता से नरकासुर का वध कर दिया।
इस प्रकार श्रीकृष्ण ने कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरकासुर का वध कर देवताओं व संतों को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई। उसी की खुशी में दूसरे दिन अर्थात कार्तिक मास की अमावस्या को लोगों ने अपने घरों में दीए जलाए। तभी से नरक चतुर्दशी तथा दीपावली का त्योहार मनाया जाने लगा।

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