अर्जुन सुभद्रा हरण | Arjun Subhdhra Prem Vivah | Krishna Story Ramanand Sagar
सुभद्रा-अर्जुन विवाह
अर्जुन चित्रांगदा से विवाह के बाद तीन वर्ष तक उनके साथ मणिपुर में रहें। चित्रांगदा मणिपुर नरेश चित्रवाहन की पुत्री थी, जो कि अत्यंत रूपवती थी।
प्रभास यात्रा
मणिपुर से पंचतीर्थ होते हुए अर्जुन प्रभास तीर्थ पहुँचे। यह तीर्थ कृष्ण के राज्य में था। कृष्ण ने अर्जुन का स्वागत किया। यहाँ रहते हुए बलराम की बहन सुभद्रा के प्रति अर्जुन के मन में प्रेम पैदा हो गया। कृष्ण को जब इसका पता चला तो उन्होंने अर्जुन से कहा कि तुम सुभद्रा का हरण कर लो क्योंकि यादवों से युद्ध में विजय प्राप्त करके ही तुम सुभद्रा से विवाह कर सकते हो।
सुभद्रा हरण
अर्जुन ने सुभद्रा का हरण कर लिया। यादवों ने अर्जुन का पीछा किया तथा घोर युद्ध छिड़ गया। अर्जुन के सामने यादवों की एक न चली। श्रीकृष्ण ने यादवों को समझा-बुझाकर युद्ध बंद करा दिया। सुभद्रा को लेकर अर्जुन पुष्कर तीर्थ में बहुत दिनों तक रहे।