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जब राक्षस तारकासुर ने आतन्क मचा दिया था तब तारकासुर के वध के लिये देवतायो ने कामदेव से विनती की कि वह शिव व पार्वती मे प्रेम बना दे क्योकि तारकासुर को वह वरदान था कि केवल शिव व पार्वती का पुत्र ही तारकासुर का वध कर सकता है। तो कामदेव तथा देवी रति कैलाश पर्वत शिव का ध्यान भन्ग करने के लिये गये पर कामदेव का बाण लगने से शिव का ध्यान तो भन्ग हो गया पर शिव को बहुत क्रोध आ गया व शिव ने अपना तीसरा नेत्र खोल कर कामदेव को भस्म कर दिया तथा रति को भी अपने की मृत्यु पर क्रोध आ गया तो रति ने पार्वती को श्राप दिया कि पार्वती के पेट से कोई भी पु्त्र जन्म नही लेगा। यह श्राप सुनकर पार्वती दुखी हो गयी व शिव ने पार्वती को समझाकर कि उसे दुखी नही होना चाहिये तथा शिव नव पार्वती से विवाह किया। जब देवतायो ने इस श्राप के बारे मे तथा कामदेव की मौत के बारे मे सुना तो वह बड़े व्याकुल हो गये तो देवो ने छल से तारकासुर को वरदान दिलाया कि तारकासुर का वध केवल शिव के पेट से जनमा पुत्र ही कर सकता है। फिर शिव ने कामदेव को जीवित कर दिया तथा कार्तीकेय ने तारकासुर का वध किया।
कृष्ण के पुत्र के रूप में पुनर्जन्म
#कामदेव के अवतार के मिथक का उल्लेख मत्स्य पुराण में कृष्ण और कामदेव के बीच संबंधों को प्रकट करने के लिए किया गया है। कथा में, #शिव के क्रोध से जलकर राख हो जाने पर, #कृष्ण की पत्नी रुक्मिणी के रूप में #प्रद्युम्न के गर्भ में #पुनर्जन्म हुआ। #krishnaleela #krishna #ramanandsagar #shreekrishna #godkrishna #dilkiawaz
भगवन शिव ने कामदेव को कैसे किया भस्म || Maa Shakti Complete Devotional Tv Series
जब राक्षस तारकासुर ने आतन्क मचा दिया था तब तारकासुर के वध के लिये देवतायो ने कामदेव से विनती की कि वह शिव व पार्वती मे प्रेम बना दे क्योकि तारकासुर को वह वरदान था कि केवल शिव व पार्वती का पुत्र ही तारकासुर का वध कर सकता है। तो कामदेव तथा देवी रति कैलाश पर्वत शिव का ध्यान भन्ग करने के लिये गये पर कामदेव का बाण लगने से शिव का ध्यान तो भन्ग हो गया पर शिव को बहुत क्रोध आ गया व शिव ने अपना तीसरा नेत्र खोल कर कामदेव को भस्म कर दिया तथा रति को भी अपने की मृत्यु पर क्रोध आ गया तो रति ने पार्वती को श्राप दिया कि पार्वती के पेट से कोई भी पु्त्र जन्म नही लेगा। यह श्राप सुनकर पार्वती दुखी हो गयी व शिव ने पार्वती को समझाकर कि उसे दुखी नही होना चाहिये तथा शिव नव पार्वती से विवाह किया। जब देवतायो ने इस श्राप के बारे मे तथा कामदेव की मौत के बारे मे सुना तो वह बड़े व्याकुल हो गये तो देवो ने छल से तारकासुर को वरदान दिलाया कि तारकासुर का वध केवल शिव के पेट से जनमा पुत्र ही कर सकता है। फिर शिव ने कामदेव को जीवित कर दिया तथा कार्तीकेय ने तारकासुर का वध किया।
कृष्ण के पुत्र के रूप में पुनर्जन्म
#कामदेव के अवतार के मिथक का उल्लेख मत्स्य पुराण में कृष्ण और कामदेव के बीच संबंधों को प्रकट करने के लिए किया गया है। कथा में, #शिव के क्रोध से जलकर राख हो जाने पर, #कृष्ण की पत्नी रुक्मिणी के रूप में #प्रद्युम्न के गर्भ में #पुनर्जन्म हुआ। #krishnaleela #krishna #ramanandsagar #shreekrishna #godkrishna #dilkiawaz