भगवान श्रीकृष्ण के पौराणिक कथा
महाभारत की अनसुनी कहानियाँ | Mahabharata Story in Hindi | Lord Krishna | Mahabharat Yudh Full
13 दिसंबर 2018
यशोदा माता को संपूर्ण ब्रह्मांड के दर्शन भगवान कृष्ण को माखन खाना
Bal Krishna Leela Story in Hindi 04 Mahabharat यशोदा माता को संपूर्ण ब्रह्मांड के दर्शन भगवान कृष्ण को माखन खाना
पौराणिक काल से ही भगवान श्री कृष्ण की कहानियां या कृष्ण लीला बच्चों और बड़ों को बहुत पसंद आती है। भगवान श्री कृष्ण जी कई कहानियां हैं जो हम सभी के लिए ज्ञान का भंडार हैं। कृष्ण की कहानियों से बच्चे खुश होते हैं और उनकी मजेदार कहानियों से बच्चे बहुत खुश होते हैं और सकारात्मक चीजें सीखते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म की कथा से लेकर वृंदावन में उनके शरारतों की कहानियां बहुत ही अद्भुत है। हम भगवान कृष्ण को कई रूप में देखते हैं जैसे बाल कृष्ण, माखन चोर कृष्ण, राधा कृष्ण और कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का सार समझाते हुए भगवान श्री कृष्णा। आज इस लेख में हमने सरल भाषा में भगवान श्री कृष्ण की कुछ कहानियों को प्रस्तुत किया है जिसे बच्चे पढ़ कर समझ सके और आनंद के साथ-साथ ज्ञान भी प्राप्त कर सकें। यह सभी कहानियां भगवान श्री कृष्ण के जीवन पर आधारित सत्य कहानियां हैं। हो सकता है इनमें से कुछ कहानियां आपने अपने माता-पिता या दादा-दादी से बचपन में सुना हो। माखन चोर भगवान कृष्ण कहानी आप लोग तो जानते ही होंगे कि भगवान कृष्ण को माखन खाना बहुत पसंद था। कृष्ण के माखन चोरी करने के कारण उनकी मां के साथ-साथ वृंदावन के सभी लोग कृष्ण के माखन चोरी के कारण तंग आ जाते थे। भगवान कृष्ण की माता यशोदा माखन की मटकी को छत के ऊपरी भाग में लटका कर रखती थी जिससे की कृष्ण वहां तक ना पहुंच पाए और माखन को चोरी करके ना खा पाए। एक समय कृष्ण अपने सभी मित्रों को वहां लेकर आए। उनकी मदद से वह माखन की मटकी तक पहुंचे और माखन के मटकी को तोड़कर सारा माखन खा गए। उसी समय वहां यशोदा मां पहुंच गए। कृष्ण के सभी साथि भाग गए परंतु कृष्ण वहीं रह गए। उसके बाद कृष्ण को यशोदा मां से अच्छी डांट पड़ी। भगवान् श्री कृष्ण की बाल लीला की कथा है - एक बार यशोदा मां नदी किनारे नाहवा गई। कृष्ण खेल रहे थे। गोपी ने देखा कि कृष्ण ने मिट्टी खा ली है। वे और उनके गोपी माँ यशोदा से इसकी शिकायत करने पहुँचे - "जल्दी चलो यशोदा, कृष्ण मिट्टी खा रहा है।" यशोदा माता तुरंत दौड़ कर गयीं और कृष्ण का हाथ पकड़कर करीब लाकर पूछा - "क्या तुमने मिट्टी खायी?" कृष्ण ने माँ की ओर देखा और मासूमियत से कहा, "नहीं तो! गोपी झूठ बोल रहे हैं। देखो मेरा मुँह, क्या मैंने मिट्टी खाई है?" ऐसा कहकर कृष्ण ने अपना मुँह खोल दिया। माता यशोदा को मिट्टी तो नज़र नहीं आई, इसके स्थान पर कृष्ण के मुँह में यशोदा माता को संपूर्ण ब्रह्मांड के दर्शन हो गए - पर्वत, द्वीप, समुद्र, ग्रह, तारे.सम्पूर्ण सृष्टि दिखाई दी। माता यशोदा ने कृष्ण के मुख में स्वयं को कृष्ण के मुँह को देखते हुए भी देखा। यह भी देखा कि वे कृष्ण को गोद में उठाए दूध पिला रही हैं। "क्या ऐसा वास्तव में हो रहा है?" वे अचम्भित थीं। कृष्ण ने अपना मुँह बंद कर लिया और मीठी मुस्कान भर माँ की ओर देखने लगा। अपने नन्हे पुत्र के मुँह में वह विस्मय से भर देने वाला चमत्कारी दृश्य देखने के बाद भी माँ यशोदा के लिए तो वह नन्हा घुटने चलता लल्ला ही था। माँ यशोदा का हृदय अपने गोपाल के लिए प्रेम से भर गया था। उन्होंने बड़ी ही ममता के साथ कृष्ण को अपनी गोद में भर लिया।
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