30 नवंबर 2018

दुर्योधन छल का सहारा लेता तो बदल जाती महाभारत युद्ध की तस्वीर..

दुर्योधन छल का सहारा लेता तो बदल जाती महाभारत युद्ध की तस्वीर..

कोई भी इंसान खुद बुरा नहीं होता। उसे बुरा उसके कर्म बनाते हैं’। यह कथन महाभारत युग में कौरवों के सबसे बड़े राजकुमार दुर्योधन पर सटीक बैठता है। अपने बाल समय से लेकर कुरुक्षेत्र युद्ध तक, दुर्योधन द्वारा किए गए सभी बुरे कार्यों को महाभारत ग्रंथ में उतारा गया। उसकी कुछ अच्छाइयों की झलक भी शामिल की गई, लेकिन दुनिया की रीति ही अजब है। जब किसी की अच्छाई ही जाननी हो तो बुरा प्रभाव भूल जाती है, किंतु जब किसी की बुराई करती है तो उसकी एक भी अच्छाई याद नहीं रखती। संसार के इसी व्यवहार से होकर गुजरता है हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र के ज्येष्ठ पुत्र ‘दुर्योधन का चरित्र

दुर्योधन भानुमती हरण | कर्ण-दुर्योधन के मित्रता की कथा | Mahabharat Ramanand Sagar 


यह ब्लॉग खोजें