पुराणों के अनुसार राजा बलि को सबसे बड़ा दानी माना गया है। कहा जाता है राजा बलि 100 यज्ञ कर रहा था। यदि वे 100 यज्ञ पूरे हो जाते तो बलि अमर हो जाता। बलि एक असुर था और घमंडी भी इसलिए भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर उससे तीन पग भूमि मांगी और तीनों लोकों को माप दिया। जिसके कारण बलि को पाताल में जाना पड़ा। दानी बलि की कहानी तो अधिकतर लोगों ने सुनी है मगर ये बात कम ही लोगों को पता है बलि इतिहास के सबसे बड़े दानी कैसे बने। आइए जानते हैं बलि के पूर्वजन्म की कहानी...
पूर्वजन्म की कहानी
राजा बलि और वामन अवतार Raja Bali Aur Vaman Avatar .
किसी नगर में एक जुआरी रहता था। वह बहुत नास्तिक था। उसमें बहुत सारे अवगुण थे। उसकी दोस्ती भी ऐसे ही लोगों से थी, जो बुरी आदतों के शिकार थे। एक बार जुआरी ने ढेर सारा पैसा जीता। उस पैसे से उसने बहुत सारे सोने के गहने खरीदे, पनवाड़ी से पान का बीड़ा बनवाया। दो फूलों के हार खरीदे और उसकी प्रेमिका जो कि एक वैश्या थी के घर की तरफ चल पड़ा। वो जल्दी से जल्दी उसके घर पहुंचना चाहता था इसलिए तेजी से दौड़ने लगा। अचानक उसका पैर एक नीची जगह पर पड़ा और वह गिर पड़ा। सिर में गहरी चोट आने के कारण वह बेहोश हो गया।